एक कविता दोस्तों के नाम
ख्वाबों के परिन्दो को दूर तलक जाना है ।
है हममे भी कुछ बात , सबको दिखलाना है ।।
माना कि पर फैलाए है हमने बस अभी ।
लेकिन कदम उठाने से ही तो मंजिल को पाना है ।।
आएंगी रास्ते में मुश्किलों की आंधी और तूफ़ान ।
लेकिन उनसे लड़कर ही तो हमे आगे बढ़ जाना है ।।
जियें थे एक - एक लम्हां यहाँ साथ में ।
अब जिंदगी की दौड़ में अकेले ही दौड़ते जाना है ।।
अब जिंदगी की दौड़ में अकेले ही दौड़ते जाना है ।।
उड़ चले सब अपना प्यारा सा आशियाना छोड़ के ।
कहीं और एक नया कारवां जो जोड़ना है ।।
ख्वाबों के परिन्दो को दूर तलक जाना है ।
है हममे भी कुछ बात , सबको दिखलाना है ।।
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